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बौद्ध कहानियाँ: आनंदा की काहनी, नरकों के नाम और बुद्ध की प्रशंसा, ग्यारह भाग शृंखला का भाग ११

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वह गुरु के लिए बहुत आभारी थी। उसने दुर्घटना के बारे में बात की जो उसके साथ हुआ था। वह बहुत गम्भित दुर्घटना थी, लेकिन वह अहानिकारक रही। एक कार उसकी कार के पीछे आ कर टकरायी। यह बहुत बुरी टक्कर थी, लेकिन वह बिल्कुल घायल नहीं हुई।
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