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बौद्ध कहानियाँ: आनंदा की काहनी, नरक के नाम और बुद्ध की प्रशंसा, ग्यारह भाग शृंखला का भाग ८ Aug. 10, 2015

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मैं केवल ईश्वर और बुद्धा को ढूँढना चाहती थी स्वयं और दूसरों की मदद के लिए कुछ शक्ति पाने के लिए। केवल उस तरह। बहुत सरल, यह अधिक नहीं है, अधिक नहीं है मैं आपको बता सकती हूँ। यह करने को बहुत प्राकर्तिक चीज़ है। मैं अधिक गौरवमयी तरीक़े से नहीं कह सकती। मुझे दुःख है। अपना सर्वोत्तम कोशिश करें। यदि आपसच में ईश्वर को सोचते हैं या ईश्वर का प्रकटीकरण यही है जो आप चाहते हैं, फिर यही आपको मिलगा।
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