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सुरंगामा सूत्र: आत्मज्ञान के पच्चीस साधन, पाँचवी सभा, ग्यारह भाग शृंखला का भाग ६ April 7, 2019

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यह शक्ति है क़ुआन यिन पद्धति के अभ्यास की। सुनने की आंतरिक शक्ति की- लेकिन भीतर, मूल वाली। कानों से नहीं, क्योंकि कानों से, हम केवल बाहर सुनते हैं। तो, जब हम बाहर सुनने की केन्द्रता को बंद कर देते हैं, कोई ध्वनि नहीं होती, हमारे चारों ओर किसी भी ध्वनि पर निर्भर नहीं रहना, फिर हम सच्ची शिक्षा, सच्चा धर्म सुन सकते हैं, और सच्ची शक्ति पा सकते हैं।
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