कृपया सर्वशक्तिमान ईश्वर को धन्यवाद देना न भूलें, अतीत और वर्तमान के सभी गुरूवों को धन्यवाद दें, जिन्होंने इतना त्याग किया है, जिन्होंने हमें समय की शुरुआत से बहुत प्यार किया है और हमें लगातार बेहद आशीर्वाद दिया है, ताकि हम हमेशा शांति और साहस के साथ चल सकें, जो भी हमने अपने लिए चुना है। आशिषित रहें ये सभी महान प्राणी यहाँ और अन्य लोकों में।
हम हमेशा अपने दिल में आभारी रहेंगे। कृपया याद रखें। जितना अधिक हम कृतज्ञ होंगे, उतना ही अधिक हम आशीषित होंगे। जितना अधिक हम उनकी प्रेममयी कृपा को याद करेंगे, उतना ही हमें प्रेममयी कृपा भी प्रदान की जाएगी। जितना अधिक हम इस ग्रह पर और हमारे पथ पर प्रदान की गई शांति के लिए आभारी रहेंगे, उतनी ही अधिक शांति हम अनुभूती करेंगे, जितना अधिक आशिष, उतना अधिक आनंद।
~ सुप्रीम मास्टर चिंग हाई (वेगन)